इस वर्ष केरल के ऊपर मॉनसून का आरंभ 5 जून को होने का अनुमान है जिसमें 4 दिन कम/अधिक हो सकते हैं
भारत मौसम विज्ञान विभाग के चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने केरल के ऊपर 2020 के दक्षिण पश्चिम मॉनसून के आरंभ का पूर्वानुमान प्रस्तुत किया है। इसकीप्रमुख बातें इस प्रकार हैं:
इस वर्ष केरल के ऊपर मॉनसून का आरंभहोने में 1 जून की आरंभ होने की सामान्य तिथि की तुलना में थोड़ी देर होसकती है। इस वर्ष केरल के ऊपर मॉनसून का आरंभ 5 जून को होने का अनुमान हैजिसमें 4 दिन कम/अधिक हो सकते हैं।
1. पृष्ठभूमि
भारत कीमुख्य भूमि के ऊपर दक्षिणपश्चिम मॉनसून का आगे बढ़ना केरल के ऊपर मॉनसूनके आरंभ से चिन्हित होता है और यह एक गर्म और शुष्क मौसम से वर्षा के मौसममें रूपांतरण को निरुपित करने वाला एक महत्वपूर्ण संकेत है। जैसे जैसेमॉनसून उत्तर दिशा में आगे की ओर बढ़ता है, इन क्षेत्रों को चिलचिलाती गर्मीके तापमान से राहत मिलने लगती है। 1 जून को केरल के ऊपर दक्षिणपश्चिममॉनसून का आरंभ होता है जिसमें मानक विचलन लगभग 7 दिनों का होता है। भारतमौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) 2005 के बाद से केरल के ऊपर मॉनसून के आरंभकी तिथि के लिए प्रचालनगत पूर्वानुमान जारी करता रहा है। इस उद्वेश्य केलिए 4 दिनों की कमी/बढोतरी की मॉडल त्रृटि के साथ स्वदेशी रूप से विकसितएक अत्याधुनिक मॉडल का उपयोग किया जाता है।
मॉडल में प्रयुक्त 6 प्रेडिक्टर हैं:-1) उत्तर पश्चिम के ऊपर न्यूनतम तापमान, 2) दक्षिणप्रायद्वीप के ऊपर मॉनसून पूर्व शीर्ष वर्षा, 3) दक्षिण चीन सागर के ऊपरआउटगोईंग लौंग वेव रेडियेशन (ओएलआर), 4) दक्षिण पूर्व हिन्द महासागर के ऊपरनिम्न ट्रोपोस्फेरिक जोनल हवा, 5) पूर्वी विषवतरेखीय हिन्द महासागर के ऊपरऊपरी ट्रोपोस्फेरिक जोनल हवा तथा 6) दक्षिण पश्चिम प्रशांत क्षेत्र के ऊपरआउटगोईंग लौंग वेव रेडियेशन (ओएलआर)।
पिछले 15 वर्षों (2005-2019) केदौरान केरल के ऊपर मॉनसून के आरंभ होने की तिथि का आईएमडी का प्रचालनगतपूर्वानुमान 2015 को छोड़कर सही साबित होता रहा है। पिछले पांच वर्षों (2015-2019) के लिए पूर्वानुमान सत्यापन नीचे की सारिणी में दिया गया है:
वर्षवास्तविक आरंभ तिथिपूर्वानुमान आरंभ तिथि
2015 5 जून 30 मई
2016 8 जून 7 जून
2017 30 मई 30 मई
2018 29 मई 29 मई
2019 8 जून 6 जून
2. 2020 के दक्षिणपश्चिम मॉनसून तथा अंडमान सागर के ऊपर आगे बढ़ने की स्थिति
भारतीयमॉनसून क्षेत्र में, आरंभिक मॉनसून वर्षा दक्षिण अंडमान सागर के ऊपरहोती है तथा इसके बाद मॉनसून की हवायें पूरे बंगाल की खाड़ी में उत्तरपश्चिम दिशा में बढ़ती हैं। मॉनसून आरंभ/प्रगति की नई सामान्य तिथियों केअनुसार, दक्षिण पश्चिम मॉनसून22 मई के आसपास अंडमान सागर के ऊपर बढ़तीहैं। वर्तमान में, दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी एवं समीपवर्ती क्षेत्रों मेंएक सुचिन्हित निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अगले 12 घंटों केदौरान इसी क्षेत्र में एक दबाव के रूप में संकेंद्रित होने का अनुमान है औरफिर तीव्र होकर 16 मई की शाम तक दक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों मेंएक चक्रवाती तूफान में सघन हो जाने की संभावना है। इस घटना से जुड़ने केकारण, अगले 48 घंटों के दौरान दक्षिण पश्चिम मॉनसून के अंडमान सागर, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह एवं दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के कुछ भागोंकी ओर बढ़ने का अनुमान है। पिछले आंकड़े प्रदर्शित करते हैं कि अंडमान सागरके ऊपर मॉनसून के बढ़ने की तिथि का कोई भी संबंध न तो केरल के ऊपर मॉनसूनके आरंभ होने की तिथि से है और न ही देश में मौसमी मॉनसून की वर्षा सेहै।
3 . भारत में दक्षिण पश्चिम मॉनसून के आरंभ/प्रगति एवं वापसी की नई सामान्य तिथियां
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 15 अप्रैल 2020 की एक प्रेस विज्ञप्ति मेंहाल के आंकड़ों के आधार पर दक्षिण पश्चिम मॉनसून के आरंभ एवं वापसी की नई सामान्य तिथियों को जारी किया था। आरंभ की सामान्य तिथियों को 1961-2019 के दौरान डाटा के आधार पर संशोधित किया जाता है और वापसी की सामान्यतिथियों को 1971-2019 के दौरान डाटा के आधार पर संशोधित किया जाता है।
गुजरात जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण पेयजल क्षेत्र में सेंसर आधारित सेवा प्रदाता निरीक्षण प्रणाली शुरू करेगा
गुजरात जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत ग्रामीण पेयजल क्षेत्र में सेंसर आधारित सेवा प्रदाता प्रणाली का क्रियान्वयन करने को पूरी तरह से तैयार है। इस बारे में राज्य के 2 जिलों में प्रायोगिक क्रियान्वयन पहले से ही जारी है ताकि जलापूर्ति की व्यावहारिकता यानी लंबी अवधि के आधार पर प्रत्येक ग्रामीण घरों में उपलब्ध कराए जा रहे पेयजल की पर्याप्त मात्रा और निर्धारित गुणवत्ता पर नजर रखी जा सके।
मुख्य रूप से जल की कमी से जूझ रहा गुजरात अब तक इस संकट से बड़े रणनीतिक तरीके से निपटा है। गुजरात में पेयजल आपूर्ति प्रबंधन में अच्छी सामुदायिक भागीदारी रही है जिसकी शुरुआत जल एवं सफाई प्रबंधन संगठन (डब्ल्यूएएसएमओ) के जरिए 2002 में हुई थी। मजबूत आधार वाला यह राज्य संचालन एवं प्रबंधन (ओएंडएम) खर्च का लगभग 70 फ़ीसदी हिस्सा जल सेवा शुल्क के रूप में उपभोक्ताओं से प्राप्त करता है।
वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान ग्रामीण घरों में जल पहुंचाने के लिए टैप कनेक्शन उपलब्ध कराने हेतु वार्षिक कार्य योजना को अंतिम रूप देने के लिए कल राज्य के अधिकारियों की पेयजल एवं सफाई विभाग के साथ एक बैठक हुई। राज्य में 93.6 लाख ग्रामीण घरों में से 65 लाख (70 फ़ीसदी) घरों में पहले से ही जल के लिए घरेलू टैप कनेक्शन हैं। राज्य सरकार की योजना वर्ष 2020-21 के दौरान ग्रामीण इलाकों के 11.15 लाख घरों में जल के लिए घरेलू टैप कनेक्शन उपलब्ध कराना है। सरकार ने क्रियाशील घरेलू टैप कनेक्शन (एफएचटीसी) का लक्ष्य हासिल करने में आने वाली कठिनाइयों को लेकर योजना बना ली है। बाकी इलाकों में पशुओं की बड़ी तादाद वाले क्षेत्र, कम जनसंख्या घनत्व वाले पहाड़ी इलाके, उच्च लवणता वाले तटीय इलाके, निम्न स्तर के सतही जल संसाधन वाले क्षेत्र और स्थायी रूप से विशाल जल भंडार वाले क्षेत्र भी हैं। गुजरात सरकार ने सितंबर, 2022 तक 100 फ़ीसदी कवरेज यानी सभी घरों में टैप कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
गुजरात सरकार ‘लो हैंगिंग फ्रूट्स’ का लाभ उठाने पर पर्याप्त जोर दे रही है यानी अपेक्षित नतीजे हासिल करने के लिए उन गांवों/ मूल निवास स्थलों पर सरकार का जोर है जहां पहले से ही पाइप से जलापूर्ति की योजना चल रही है। सरकार प्राथमिकता के आधार पर कमजोर तबके के बाकी रह गए घरों में तुरंत एफएचटीसी सुविधा उपलब्ध कराने की योजना बना रही है। ग्रामीण समुदाय की सक्रिय भागीदारी के साथ ग्रामीण कार्य योजना (वीएपी) के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एक परिभाषित रोडमैप भी बना लिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल जल जीवन मिशन की घोषणा की थी जिसका उद्देश्य वर्ष 2024 तक देश के 18 करोड़ ग्रामीण घरों में जल के लिए टैप वाटर कनेक्शन उपलब्ध कराना है। इस महत्वाकांक्षी योजना से सभी राज्यों को फायदा हो रहा है क्योंकि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हर ग्रामीण घर को जल के लिए टैप कनेक्शन देना सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं
कोविड-19 महामारी के मौजूदा हालात के कारण सभी लोगों को पेयजल उपलब्ध कराना है। इसके लिए भारत सरकार ने सभी राज्यों को जलापूर्ति से संबंधित काम को प्राथमिकता देने संबंधी एडवाइजरी जारी की है। इसके बाद से ग्रामीण घरों में घरेलू टैप कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए ग्राम पंचायतों और गांवों द्वारा एक मुकम्मल योजना की जरूरत है। इससे घर के अंदर ही पेयजल पहुंचाया जाना सुनिश्चित किया जा सकेगा और सार्वजनिक जगहों पर भीड़ को न्यूनतम करते हुए देह से देह की दूरी यानी सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जा सकेगा।
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